
सीमाओं का संतुलन: न्यायिक सक्रियता और संवैधानिक मर्यादा पर पुनर्विचार आवश्यक – विशेष आलेख | समकालीन विमर्श भूमिका भारत का संविधान तीन प्रमुख स्तंभों – कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका – के बीच शक्ति के संतुलन की परिकल्पना करता है। परंतु हाल के वर्षों में न्यायपालिका की बढ़ती सक्रियता ने इस संतुलन को एक नई दिशा दे…