रूस-यूक्रेन संघर्ष और वैश्विक प्रभाव: क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर है?

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक संकटों में से एक रहा है। यह संघर्ष 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्ज़े के साथ शुरू हुआ और 2022 में पूर्ण पैमाने पर आक्रमण में बदल गया। अमेरिका सहित कई देशों द्वारा शांति स्थापित करने के प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली।

हाल ही में, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच शांति वार्ता विफल रही, जिससे वैश्विक मंच पर युद्ध के बढ़ते खतरे को लेकर चर्चा तेज़ हो गई। यूरोपीय संघ के अधिकांश देश यूक्रेन के समर्थन में खड़े हैं, जबकि रूस चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ अपने संबंध मजबूत कर रहा है। इस स्थिति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या दुनिया एक नए विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है? इसके अलावा, एक नए वैश्विक सत्ता संतुलन (New World Order) के उभरने की संभावना भी बढ़ गई है।

ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच विफल वार्ता: एक निर्णायक मोड़?

डोनाल्ड ट्रंप खुद को एक कुशल वार्ताकार मानते रहे हैं और कई बार दावा किया है कि अगर वे फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो 24 घंटे के भीतर रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त कर सकते हैं। हालांकि, उनकी कूटनीतिक वार्ताएँ कोई ठोस परिणाम नहीं दे पाईं।

वार्ता की विफलता के कुछ प्रमुख कारण हैं:

  1. यूक्रेन के सख्त रुख – यूक्रेन किसी भी शांति समझौते को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है, जिसमें उसे अपनी ज़मीन (क्रीमिया और डोनबास क्षेत्र) रूस को सौंपनी पड़े।
  2. रूस की बढ़ती सैन्य कार्रवाई – रूस यूक्रेन पर अपने हमले तेज़ कर रहा है, जिससे शांति वार्ता की संभावना कम हो रही है।
  3. यूरोपीय देशों का दबाव – यूरोपीय संघ और नाटो (NATO) के सदस्य देश यूक्रेन को सैन्य और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं, जिससे वह रूस के साथ किसी भी प्रकार की रियायत देने के लिए मजबूर नहीं है।
  4. ट्रंप की रूस नीति को लेकर अस्पष्टता – ट्रंप के रूस के प्रति नरम रुख और नाटो की आलोचना के कारण कई देशों को संदेह है कि क्या वे निष्पक्ष वार्ताकार हो सकते हैं।

इस स्थिति में, वार्ता की विफलता का अर्थ है कि युद्ध निकट भविष्य में समाप्त होने की संभावना नहीं है।

क्या तीसरा विश्व युद्ध अपरिहार्य है?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पश्चिमी देशों के कई नेताओं ने बार-बार चेतावनी दी है कि यह युद्ध वैश्विक स्तर पर बड़ा संघर्ष बन सकता है। कुछ महत्वपूर्ण कारण जो तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को बढ़ा रहे हैं:

1. नाटो देशों की बढ़ती सैन्य भागीदारी

  • अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन को उन्नत हथियार, टैंक, हवाई रक्षा प्रणाली और लंबी दूरी की मिसाइलें प्रदान कर रहे हैं।
  • नाटो देशों ने रूस की सीमा के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिए हैं।
  • पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन में सैनिक भेजने की संभावनाओं पर चर्चा हो रही है, जिससे रूस और अधिक आक्रामक हो सकता है।

2. रूस के नए सैन्य गठबंधन

  • रूस ने चीन के साथ अपने सैन्य और आर्थिक संबंधों को गहरा किया है, जिससे उसे पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद आर्थिक सहारा मिल रहा है।
  • उत्तर कोरिया रूस को मिसाइल और गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहा है।
  • ईरान रूस को ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरण भेज रहा है, जिससे युद्ध लंबा खिंच सकता है।

3. यूक्रेन युद्ध से परे अन्य संघर्ष

  • चीन-ताइवान संकट और मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव (इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष, ईरान का परमाणु कार्यक्रम) वैश्विक युद्ध का एक और कारण बन सकता है।
  • यदि नाटो प्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन में सैन्य हस्तक्षेप करता है, तो रूस परमाणु हमला करने की धमकी दे सकता है।

फिलहाल, तीसरा विश्व युद्ध निश्चित नहीं है, लेकिन इसकी संभावना पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

क्या एक नया विश्व व्यवस्था (New World Order) उभर रही है?

यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक सत्ता संतुलन को बदल दिया है। अमेरिका के नेतृत्व वाली एकध्रुवीय (Unipolar) दुनिया की जगह अब एक बहुध्रुवीय (Multipolar) विश्व व्यवस्था उभर रही है, जहां रूस, चीन और अन्य उभरती शक्तियाँ पश्चिमी प्रभाव को चुनौती दे रही हैं।

1. अमेरिका और पश्चिमी देशों की घटती शक्ति

  • अमेरिका की युद्ध को समाप्त करने में असफलता से उसकी वैश्विक साख को झटका लगा है।
  • यूरोपीय देश अब अमेरिकी नेतृत्व पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहते और अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर ज़ोर दे रहे हैं।
  • BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) जैसे संगठन पश्चिमी वित्तीय संस्थाओं को चुनौती दे रहे हैं।

2. रूस-चीन गठबंधन

  • रूस और चीन मिलकर पश्चिमी देशों की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार में चीनी युआन (Yuan) का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे अमेरिकी डॉलर की निर्भरता कम हो रही है।
  • रूस ने अपनी अर्थव्यवस्था को पश्चिम की बजाय एशिया की ओर मोड़ दिया है और भारत व मध्य पूर्वी देशों के साथ व्यापार बढ़ाया है।

3. यूरोप की नई भूमिका

  • यूरोपीय संघ अब एक स्वतंत्र भू-राजनीतिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है।
  • फ्रांस और जर्मनी कूटनीतिक समाधान की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन साथ ही अपने रक्षा बजट को भी बढ़ा रहे हैं।

4. मध्य पूर्व और वैश्विक दक्षिण (Global South) की नई नीति

  • युद्ध के कारण पश्चिमी देशों और विकासशील देशों (Global South) के बीच विभाजन बढ़ा है।
  • मध्य पूर्व के कई देश, जो पहले अमेरिका के करीबी थे, अब चीन और रूस के साथ अधिक व्यापार और कूटनीतिक संबंध बना रहे हैं।

निष्कर्ष: आगे क्या होगा?

यूक्रेन युद्ध ने पहले ही वैश्विक राजनीति को बदल दिया है, और इसके दीर्घकालिक परिणाम अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। तीसरे विश्व युद्ध की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता, लेकिन इस समय दुनिया एक नए शक्ति संतुलन की ओर बढ़ रही है।

भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह नया विश्व व्यवस्था अधिक स्थिरता लाएगा या वैश्विक संघर्षों को और बढ़ावा देगा। फिलहाल, यूक्रेन संघर्ष वैश्विक प्रभाव वाले एक बड़े भू-राजनीतिक खेल का केंद्र बना हुआ है।

 

www.careerstrategistsias.com, www.arbindsingh.com, careerstrategists, careerstrategist

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Register for Scholarship Test

Get Scholarship up to Rs. 1,00,000 

Category

Latest posts

  • All Posts
  • ART AND CULTURE
  • BILATERAL ISSUES
  • BPSC
  • CAREER STRATEGISTS
  • Constitution
  • CSAT
  • CSE MAIN EXAMS
  • CURRENT AFFAIRS
  • ECOLOGY
  • ECONOMICS
  • ENVIRONMENT
  • ESSAY
  • General Science
  • GENERAL STUDIES
  • GEOGRAPHY
  • GOVERNANCE
  • GOVERNMENT POLICY
  • HISTORY
  • INDIAN POLITY
  • International Relation
  • INTERVIEW
  • MPPSC
  • OPTIONALS
  • PRELIMS
  • SCIENCE AND TECHNOLOGY
  • SOCIAL ISSUES
  • TEST SERIES
  • UPPCS
  • UPSC
  • अर्थशास्त्र
  • इतिहास
  • कला और संस्कृति
  • जैव विविधता
  • द्विपक्षीय मुद्दे
  • निबंध सीरीज
  • परिस्थितिकी
  • पर्यावरण
  • प्रदूषण
  • भारतीय राजनीति
  • भूगोल
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  • सामयिक घटनाएँ
  • सामान्य अध्ययन
  • सामान्य विज्ञान

Tags

Contact Info

You can also call us on the following telephone numbers:

Edit Template

Begin your journey towards becoming a civil servant with Career Strategists IAS. Together, we will strategize, prepare, and succeed.

© 2024 Created with Career Strategists IAS