परिचय और उत्पत्ति

मानव मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन रोगजनक है जिसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है। हालांकि यह वायरस 2001 में खोजा गया था, लेकिन अध्ययन बताते हैं कि यह दशकों से मनुष्यों में मौजूद था। यह पैरामिक्सोविरिडी (Paramyxoviridae) परिवार से संबंधित है और श्वसन सिंकाइटियल वायरस (RSV) के समान है।

चीन में हालिया प्रकोप

2024 के अंत में चीन में HMPV मामलों में भारी वृद्धि देखी गई। चीनी रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार, दिसंबर 2024 के दूसरे सप्ताह में HMPV संक्रमण से जुड़े परीक्षणों में 6.2% पॉजिटिव मामले पाए गए। बच्चों, विशेष रूप से 14 वर्ष से कम उम्र के, पर इसका प्रभाव सबसे अधिक रहा। अस्पतालों में भीड़भाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।

संक्रमण और कारण

HMPV मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाली सांस की बूंदों के माध्यम से फैलता है। यह संक्रमित सतहों के संपर्क में आने और फिर चेहरे को छूने से भी फैल सकता है। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।

 

लक्षण

HMPV संक्रमण के सामान्य लक्षण:

  • खांसी

  • बुखार

  • नाक बंद होना

  • गले में खराश

  • घरघराहट (Wheezing)

  • सांस लेने में कठिनाई

गंभीर मामलों में, विशेष रूप से कमजोर समूहों में, यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बन सकता है।

HMPV से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:

  1. नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं।
  2. बीमार व्यक्तियों से निकट संपर्क से बचें।
  3. अक्सर छूई जाने वाली सतहों को साफ और कीटाणुरहित करें।
  4. खांसते या छींकते समय रूमाल या अपनी कोहनी का उपयोग करें।
  5. भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें।

ये सावधानियां श्वसन संबंधी अन्य वायरसों से भी बचाव में मदद करती हैं।

चीन में प्रकोप के बाद, भारत सहित अन्य देशों में भी HMPV संक्रमण के मामले दर्ज किए गए। जनवरी 2025 की शुरुआत में, बेंगलुरु और अहमदाबाद में शिशुओं में HMPV संक्रमण की पुष्टि हुई। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन मामलों का चीन में प्रकोप से सीधा संबंध नहीं है, क्योंकि यह वायरस भारत में पहले भी देखा गया है।

उपचार और टीकाकरण
HMPV के लिए फिलहाल कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। लक्षणों को कम करने के लिए सहायक देखभाल (supportive care) पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जैसे:

  • शरीर को हाइड्रेटेड रखना।
  • बुखार कम करने वाली दवाओं का उपयोग।
  • नाक खोलने के लिए डीकंजेस्टेंट का उपयोग।

गंभीर मामलों में, विशेष रूप से जब निमोनिया विकसित होता है, अस्पताल में ऑक्सीजन थेरेपी या यांत्रिक वेंटिलेशन की आवश्यकता हो सकती है। HMPV के लिए प्रभावी टीके और उपचार विकसित करने पर शोध जारी है।

HMPV एक सामान्य श्वसन वायरस है जो वैश्विक स्तर पर पाया जाता है। चीन में हालिया प्रकोप ने सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दिया है। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस वायरस से बचाव के लिए मानक सावधानियां प्रभावी हैं।

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